Ravivar Vrat Vidhi | रविवार व्रत कब और कैसे करें, जानें पूजा व उद्यापन विधि, नियम

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि रविवार व्रत कैसे करें, रविवार व्रत विधि (Ravivar Vrat Vidhi), रविवार व्रत उद्यापन विधि (Ravivar Vrat Udhyapan Vidhi), रविवार व्रत के नियम, रविवार व्रत का महत्व, रविवार व्रत के फायदे के बारे में -

Ravivar Vrat Vidhi

Ravivar Vrat: रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। सूर्य देवता हमारे प्रत्यक्ष देवता हैं जिनके हम रोज दर्शन करते हैं इनकी पूजा अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा होती है। सूर्य देव को नव ग्रहों का राजा कहा जाता है, इनकी पूजा उपासना से समस्त ग्रहों की शांति हो जाती है। 

रविवार व्रत का महत्व (Ravivar Vrat Significance)

हिन्दू धर्म में रविवार व्रत का काफी महत्व होता है। रविवार को भगवान सूर्यदेव की पूजा करने के लिए विशेष दिन माना जाता है। रविवार व्रत रखने से मनुष्य को आरोग्य, धन, समृद्धि, खुशी और सफलता की प्राप्ति होती है। इस व्रत को रखने से भक्त को भगवान के करीब आने में मदद मिलती है और उनकी कृपा से उनकी समस्याओं का समाधान होता है। रविवार व्रत में भक्त को सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। यह व्रत पूर्ण करने से मनुष्य को आने वाले समय में भी सफलता मिलती है।

रविवार व्रत के फायदे (Ravivar Vrat Ke Fayde)

जो लोग सरकारी नौकरी की इच्छा रखते हैं उन्हें रविवार का व्रत जरूर रखना चाहिए इस व्रत को करने से मान-सम्मान, पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है और जिन्हें संतान की इच्छा है वह भी इस व्रत को कर सकते हैं। सूर्य देव की पूजा और व्रत से निरोगी काया मिलती है और जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है उन्हें रविवार का व्रत अवश्य ही करना चाहिए इससे कुंडली में सूर्य मजबूत होकर शुभ फल देगा।

रविवार व्रत कब शुरू करें (Ravivar Vrat Kab Se Shuru Karen)

आपको बता दें कि अगर आप रविवार का व्रत करना चाहते हैं तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के रविवार से आप व्रत शुरू कर सकते हैं। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के रविवार को महा रविवार या बड़के रविवार के नाम से जाना जाता है, आप भादो के महीने के रविवार से भी व्रत शुरू कर सकते हैं ये बहुत ही शुभ रहेगा। 

रविवार के कितने व्रत करने चाहिए (Ravivar Ke Kitne Vrat Karne Chahiye)

आपको बता दें कि यदि आप लंबे समय के लिए व्रत रखना चाहते हैं तो कम से कम 1 या 5 साल तक व्रत करना चाहिए और यदि अभी आप कम समय के लिए व्रत कर रहे हैं तो आप 30 रविवार या 12 रविवार तक भी व्रत कर सकते हैं।

रविवार व्रत विधि (Ravivar Vrat Vidhi)

  • आपको रविवार के दिन सूर्योदय से पूर्व बिस्तर से उठकर स्नान आदि करना चाहिए और इस दिन आपको लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।  
  • इसके बाद आप पहले रविवार को व्रत का संकल्प जरूर लें इसके लिए अपने दाहिने हाथ में थोड़ा जल, अक्षत और लाल पुष्प ले और जितने भी रविवार का व्रत आप कर रहे हो उसकी संख्या बोलकर अपना नाम लेते हुए कि मैं आज से इतने रविवार व्रत का संकल्प करता हूं या करती हूं भगवान आप इसे निर्विघ्न पूरा करें या आप किसी खास मनोकामना के लिए ये व्रत कर रहे हैं वह भी संकल्प के समय कहें और हाथ में जो जल, फूल और अक्षत हैं उसे जमीन पर छोड़ दें। 
  • अब आपके पास घर में सूर्य देव की मूर्ति या फोटो है तो उसकी विधि पूर्वक पूजा करें आप इस दिन लाल रंग के आसन पर बैठे। 
  • आप लाल चंदन, लाल पुष्प और अक्षत अर्पित करें और प्रसाद भोग में आप भगवान को गेहूं के आटे का हलवा या शीरा चढ़ाए और धूप दीप जलाएं। 
  • इसके बाद आप रविवार व्रत की कथा सुनें। 
  • अब कथा सुनने के बाद सूर्य देव की आरती बोले। 
  • भगवान सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करें आप ॐ घृणि सूर्याय नमः या ॐ आदित्याय नमः मंत्र का जाप करें
  • आप इस दिन सूर्य चालीसा या आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। 
  • अब आप सूर्य देव को अर्ध्य दे इसके लिए आप एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल, लाल चंदन, लाल पुष्प और अक्षत डालकर सूर्य देवता को जल चढ़ाएं। 

रविवार व्रत में क्या खाना चाहिए (Ravivar Vrat Me Kya Khaye)

आपको बता दें कि रविवार के व्रत में सिर्फ एक ही समय भोजन किया जाता है और यह भी ध्यान रखना है कि आपको सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए। आप सूर्य के डूबने के बाद भोजन नहीं कर सकते फिर आप अगले दिन सूर्योदय के बाद ही भोजन कर सकते हैं, क्योंकि यह व्रत सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक चलता है, यानि रविवार के बाद जब सोमवार को सूर्योदय होगा तब तक यह व्रत चलता है। इस दिन आपको सात्विक भोजन व फलाहार करना चाहिए। भोजन में आप गेहूं के आटे की रोटी, गेहूं की दलिया, हलवा, दूध, दही, घी और चीनी खाएं। इस दिन आपको तेल और नमक नहीं खाना चाहिए ना ही मिर्च मसालेदार और कोई पकवान खाना चाहिए, और ध्यान रखें कि भोजन करने से पहले कुछ हिस्सा बच्चों को खिलाकर या मंदिर में दान करके फिर ही आप भोजन  ग्रहण करें। 

रविवार के व्रत में क्या नहीं करना चाहिए (Ravivar Vrat Me Kya Na kare)

ध्यान रखें व्रत वाले दिन आप किसी की बुराई ना करें, अपनों से बड़ों का अपमान ना करें और इस दिन ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करें। इस व्रत के समय पान खाना वर्जित है,और दिन में सोना नहीं चाहिए। 

रविवार व्रत उद्यापन विधि (Ravivar Vrat Udhyapan Vidhi)

जब आपके रविवार के व्रत पूरे हो तो आखिरी रविवार को आप उद्यापन जरूर करें इसके लिए आप एक योग्य ब्राह्मण से हवन करवाए और एक अच्छे और योग्य दंपति को भोजन करवाना चाहिए और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान दक्षिणा एवं लाल वस्त्र जरूर देना चाहिए। इस तरह से आपको रविवार व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा।

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